प्रफुल्ल कोलख्यान Prafulla Kolkhyan
अश्लील मजाक की तरह उजले काले सिंहद्वार पर
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जो शहर में
गाँव की धमकी बनकर आया था अश्लील मजाक की तरह ठहाका ऊपजाकर चुक गया,
पूरी विनम्रता के साथ झुक गया पूरा गाँव
शहर के उजले-काले सिंहद्वार पर
नकली संवेदनाओं के असली सौदागरों के बाजार में बोलियाँ लगाता रहा दीदे चमका-चमकाकर चुक गया, पूरी विनम्रता के साथ झुक गया
पूरा गाँव शहर के उजले-काले सिंहद्वार पर नई शताब्दी के
सहज सलोने मुहाने पर
कोन पूछे किससे क्या खोया
चुक गया,
पूरी विनम्रता के साथ झुक गया पूरा गाँव शहर के
उजले-काले सिंहद्वार पर
अश्लील मजाक की तरह उजले काले सिंहद्वार पर
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जो शहर में
गाँव की धमकी बनकर आया था अश्लील मजाक की तरह ठहाका ऊपजाकर चुक गया,
पूरी विनम्रता के साथ झुक गया पूरा गाँव
शहर के उजले-काले सिंहद्वार पर
नकली संवेदनाओं के असली सौदागरों के बाजार में बोलियाँ लगाता रहा दीदे चमका-चमकाकर चुक गया, पूरी विनम्रता के साथ झुक गया
पूरा गाँव शहर के उजले-काले सिंहद्वार पर नई शताब्दी के
सहज सलोने मुहाने पर
कोन पूछे किससे क्या खोया
चुक गया,
पूरी विनम्रता के साथ झुक गया पूरा गाँव शहर के
उजले-काले सिंहद्वार पर