पृष्ठ

नदी मिट्टी हो गई!

नदी मिट्टी हो गई!
-------------------
पुरखों ने उसी के सहारे जिंदगी काटी
कभी दिशा पकड़कर तो
कभी-कभी विपरीत जाने की कोशिश में भी
हो जो भी मगर सच है कि
पुरखों ने उसी के सहारे जिंदगी काटी
ऐसा पिता ने कहा था
नदी जो बाहर पानी की तरह बह रही है
जिस्म के भीतर वही खून बनकर बहा करती है

नदी पानी की तरह बहती रही
पानी की तरह बहना
एक खतरनाक मुहावरा बन गया
इस सभ्यता में
इतना खतरनाक कि
पानी का पानी की तरह बहना मंजूर नहीं रहा

इन दिनों जब सभ्यता शहरों में रहने लगी
एक दिन खबर आई
खबर में इस सभ्यता की जान है
खबर आई कि नदी मिट्टी हो गई
अचानक नहीं हुआ
मगर होते-होते यह हो गया कि
नदी मिट्टी हो गई

कुछ लोगों ने कहना शुरू किया कि
नदी मिट्टी हो गई यह सच नहीं है
सच है कि नदी हो गई मिट्टी
बहस चलती रही माध्यमों के सहारे
बहस में इस बात पर मिट्टी पड़ी रही कि
नदी जो पानी बनकर बहा करती है बाहर
वही खून बनकर बहा करती है जिस्म के अंदर
तो फिर उस खून का क्या हुआ
जो भी हो नदी मिट्टी हो गई!