tag:blogger.com,1999:blog-1783622827187886933.post3793675539329891673..comments2023-10-30T15:20:13.292+05:30Comments on विचार और संवेदना का साझापन: धर्म, आतंक और समाजप्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan http://www.blogger.com/profile/08488014284815685510noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1783622827187886933.post-86224988427674348702012-12-25T20:30:47.547+05:302012-12-25T20:30:47.547+05:30बेहद विश्लेषणात्मक...तार-तार को सुलझाने वाला लेखन....बेहद विश्लेषणात्मक...तार-तार को सुलझाने वाला लेखन...अप्रतिम.<br /><br />एक बात जो मैं कहना चाहता हूँ कि सच्चे धर्म से आपका क्या आशय है? सच्चे धर्म का मानववादी रूप शायद आप कह रहे हैं.mahesh mishrahttps://www.blogger.com/profile/05444936923565480363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1783622827187886933.post-1376177535709393412012-09-24T12:41:07.302+05:302012-09-24T12:41:07.302+05:30कृपया, अपनी राय से अवगत कराने का कष्ट करें। इसे पढ...कृपया, अपनी राय से अवगत कराने का कष्ट करें। इसे पढ़ने में कोई तकनीकी कठिनाई हो तो इसकी भी सूचना दें। प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan https://www.blogger.com/profile/08488014284815685510noreply@blogger.com