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नाना रूप धर कर निकले हैं

बेवफाई का झोला लिये
वफा का सौदा करने निकले हैं,
उन्हें यकीन है कि बाजार में
सब कुछ मिलता है
बाजार पर इतना भरोसा कि
जिस्म और जान को कुर्बान करने पर
आमादा होकर आज घर से निकले हैं
गजब यह कि वे अपने चेहरे पर
'लाफिंग बुद्धा' की मुस्कान समेटकर निकले हैं
सुकरात की खामोशी
प्लेटो के डायलॉग को
हिटलर की मूँछ पर अटकाने पर
आमादा होकर अपने घर निकले हैं
जिस तरह निकला नहीं कभी कोई
उसी तरह वे नाना रूप धर कर निकले हैं

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