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मन उढ़रल जाइ

मन उढ़रल जाइ

माई गे, बतहवा दुआरे मन उढ़रल जाइ

काज क कथा स रहे दूरे दूर
ठोकै ताल, ललकारै भरपूर

कहियो सोन त बूझै आखार
लागए जेना, झूठक अवतार

ई है सरकार, हो उहे सरकार
वोटवा के बतहा करए ब्यौपार

सबहिक मन लोभी, उठावै उढ़ार
माई रे, माई के करे ऐसन विचार

दुख-सुख नहिं खाली सूखल प्रचार
मन थथमार माई, देख वोटवा के पार

माई गे, बतहवा दुआरे मन उढ़रल जाइ

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