पृष्ठ

रे जित-जिता, जित-जिता, तू जीता

रे जित-जिता, जित-जिता, तू जीता


कित-किता-कित-किता, कित किता

अभी तो, बहुत समय नहीं है बीता
रे जित-जिता, जित-जिता, तू जीता

हाँ, जब बाल समय रवि भक्ष लिया
और तब तीनों लोक हुआ अंधियारा
माना अद्भुत ज्ञान, तू ज्ञान का सागर
इसी तरह होता है तीनों लोक उजागर
हाँ होगा, तीनो लोक कुछ और उजागर

कित-किता-कित-किता, कित किता
अभी तो, बहुत समय नहीं है बीता
रे जित-जिता, जित-जिता, तू जीता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें