पृष्ठ

होता गम भी

ऐ काश कि तेरे रुखसार से मिलता जुलता कोई गुलाब होता
होता जिंदगी में गम भी मगर मारुफ नजर में कोई ख्वाब होता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें