पढ़ताल बनाये रखना जरूरी है, बचाये रखिये!
-----
माँ भी बच्चा को रोने पर दुध पिलाती है! बच्चा के दूध न पीने पर दूध के काटने से माँ का विकल होना गये जमाने, पिछड़े समय की बात है। यह विकास का जमाना है, इसे विचार का जमाना समझने में गफलत है। जो माँ बच्चा की मौत पर जश्न मनाने के लिए विकल हो, वह भला उसके रोने पर क्या पसीजेगी। दूध तो है नहीं, जाहिर है दूध के काटने की विकलता भी नहीं है। सीधी सी बात है, हड़ताल-फड़ताल से जोड़कर इसका पढ़ताल बिगारना ठीक नहीं। और हाँ, बच्चा भी अब बच्चा कहाँ रहा! पढ़ताल बनाये रखना जरूरी है, बचाये रखिये!
आप की राय सदैव महत्त्वपूर्ण है और लेखक को बनाने में इसकी कारगर भूमिका है।
आप की राय सदैव महत्त्वपूर्ण है और लेखक को बनाने में इसकी कारगर भूमिका है।
पृष्ठ
▼
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें