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एक तू है और कमल कोई नहीं

तेरा नाम लेकर हँसता हूँ और रुलाई कोई नहीं।
तेरी साँस से धड़कन और तो मेरी कमाई कोई नहीं।

तेरी गुफ्तगू से बनता मिजाज और फसल कोई नहीं।
ये बस मुसलसल आवारा जज्वात और गजल कोई नहीं।

दिल जीतने की चाह अपने दिल पर दखल कोई नहीं।
बहुत ज्यादा है तमन्ना सपनों का महल कोई नहीं।

फितरत कि तड़प कर रह जाऊँ पहल कोई नहीं।
कीचड़ जिंदगी मेरी जान तू है और कमल कोई नहीं।

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