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घोर दरवाजा

चोर दरबाजा
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पैंट सिलवाने दरजी के पास गया
पहली बार पता चला
होता है पैंट में एक चोर पॉकेट
मैं चोर नहीं था
फिर भी मन में
रहता था ग्लानि बोध कि
लिये फिरता हूँ चोर पॉकेट। 

दरजी ने बताया था
चोरों से बचाव करता है —
चोर पॉकेट।

शुरू में मन नहीं मानता था
फिर धीरे धीरे सहज हो गया।

होता है एक चोर दरवाजा
घर में भी बचाव के लिए ही।

होता है इतिहास में भी
चोर दरबाजा
अपने ही कारणों से।

चोर दरवाजा का इस्तेमाल
 करने लगे जब मालिक बार-बार
तोरण द्वार बन जाता है
चोर दरबाजा।

तोरण द्वार पर खुदा रहता है
कोई मनजीत आदर्श वाक्य
जैसे......!

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