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अपना सोचो

अपना सोचो
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  कौन जीतेगा?
 कौन हारेगा?
किस का क्या होगा?

तुम सोचो
सोचो! तुम्हारा क्या होगा!
जो होगा तुम्हारा
वही होगा देश का!

चाहो, न चाहो; मानो, न मानो!
बोलो
आभार या चुप रहो
लेकिन सोचो, सोच में न पड़ो।

हार जीत के भँवर में रोटी है
बस इतना जानो
रोटी है तो, सब कुछ है
रोटी का मतलब जानते हो न
मतलब रोटी का,
मतलब की रोटी नहीं!
अपनी नहीं, अपना सोचो!

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