विचार और संवेदना का साझापन
आप की राय सदैव महत्त्वपूर्ण है और लेखक को बनाने में इसकी कारगर भूमिका है।
देखो न शायद वही आया है, देखो न
देखो न शायद वही आया है, देखो न
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
▬
देखो न सर्वेश्वर, देखो न
तुमने कहा और हमने यकीन किया
देखो न, शायद वही आया है
और उसके हाथ में कितना सुंदर मशाल है
देखो न सर्वेश्वर, देखो न
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें