विचार और संवेदना का साझापन
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एकटा गप्प कहै छी
एकटा गप्प कहै छी
जँ सुनी अहाँ त, एक टा गप्प कहै छी
जँ धरी कान त, एक टा गप्प कहै छी
जँ नञ बाजब त, एक टा गप्प कहै छी
जँ नञ पूछब त, एक टा गप्प कहै छी
जँ नीक लागै त, एक टा गप्प कहै छी
जँ नञ दोहराबी त, एहि बेर कहै छी
हँ इएह कहै छी जे एकटा गप्प कहै छी!!
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