ओ इक्कीसवीं सदी!
सुन रही हो!
--------
यह काम्य तो नहीं था
मगर तीनों सीख बापू के।।
इस तरह जीना तो नहीं !
मगर रास्ता ही क्या
बचा रह गया है
ओ अन-अभिव्यक्ति की सदी
इक्कीसवीं सदी!
अश्रव्यता की सदी
इक्कीसवीं सदी!
अदृश्यता की सदी!
इक्कीसवीं सदी!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें