हे भंते, बहस नहीं देशभक्ति बड़ी बात है, करते रहिए

हे बहस नहीं देशभक्ति बड़ी बात है, करते रहिए।

लोकतंत्र का लचकमंत्र
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बड़े-बड़े इकॅनोमिस्ट, जर्नलिस्ट भी मंदी-फंदी की बात करते हैं! कॅरपोरेट टैक्स छूट जैसी ऐतिहासिक घटना को डिमांड-सप्लाई साइड पर कस रहे हैं। साइड की बात करते हैं और साइड इफेक्ट को नहीं जानते! लोकतंत्र के लचकमंत्र को नहीं जानते! भाई सामने चुनाव है। न डिमांड समझते हैं, न सप्लाई! बहस किये जा रहे हैं! यह समय देशभक्ति का है, बहस का नहीं! मंदी-फंदी की चकरघिन्नी से बाहर देशभक्ति के मनोरम दृश्य की अशुभ और अशोभनीय उपेक्षा से दुनिया में हमारी छवि पर कैसा विद्रूप असर पड़ेगा, यह भी नहीं सोचते! हे भंते, बहस नहीं देशभक्ति बड़ी बात है, करते रहिए।

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