चट बना, पट खाया!
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अपने हाथ से
बने खाना
का मजा
कुछ और ही होता है।
क्यों मुरली, है न!
जितना भात तरकारी
जिस मजा से खाये
अभी उसका चवन्नी भी
बड़े बड़े होटलों में
नसीब नहीं भाई!
हाँ, बिल्कुल
चट बना
पट खाया
गरमागरम!
हाथ मुँह बरतन
साथ धो लिया
किचेन बरतन
स्वच्छ इंडिया
सब हो गया!
अपने सिवा
किसी को
पता नहीं चला -
क्या मजा लिया!
क्या मजा लिया!

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