जीवन में सोंदर्य

जीवन में सौंदर्य

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जीवन में सौंदर्य का बहुत महत्त्व है। इसका कारण क्या है? इसका कारण है शक्ति आकर्षण और अनुकूलन की तीव्र शक्ति। सौंदर्य में सत्य और शिव (शुभ) तत्त्व न हो तो सौंदर्य अनिष्टकर होता है दैनिक संदर्भ में, हम जब सुंदर कहते हैं तो अधिकतर मामलों में हमारी मुराद लावण्य होता है।  जीवन के खैंचतान से भिन्न-भिन्न तरह का असंतुलन आता रहता है प्रकृति में संतुलन! प्रकृति का एक अर्थ मनुष्य का स्वभाव भी है स्वाभाविक लगनेवाला मनुष्य का बरताव एवं अन्य अदृश्य कारक सार्वजनीन जीवन में असंतुलन लाता रहता है। हाँ, यह भी कि मनुष्य का  व्यवहार और अदृश्य कारक इसे संतुलित भी करता रहता है असंतुलन-संतुलन की मूल द्वंद्वात्मक प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है। मनुष्य इस अदृश्य कारक को महसूस करता है, लेकिन इसकी व्याख्या नहीं कर सकता है इस अदृश्य कारक की अमूर्त्त शक्ति को ईश्वर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ईश्वर अपना उपादान और निमित्त दोनों है।

ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल में THE TRUTH, THE GOOD, THE BEAUTIFUL की त्रिमूर्ति की चर्चा है। प्रसिद्ध आलोचक आइ ए रिचर्ड ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक Principles of Literary Criticism में इसे रचना के मूल्यांकन की कसौटी माना ‘In religion we believe that God is Beauty and Life, that God is Truth and Light, that God is Goodness and Love, and that because he is all these hey are all one, and the Trinity in Unity and Unity in Trinity is to be worshipped.

देवेन्द्र नाथ ठाकुर ने THE TRUTH, THE GOOD, THE BEAUTIFUL का संस्कृत अनुवाद “सत्यम शिवम सुंदरम” किया। प्रसंगवश, देवेन्द्र नाथ ठाकुर विश्व कवि रवीन्द्र नाथ के पिता थे। आज “सत्यम शिवम सुंदरम” को वेद वाक्य जैसा दर्जा हासिल है।

जीवन में असंतुलन, नाव में पानी की तरह है। कबीर ने चेताया था पानी बाढ़े नाव में, घर में बाढ़े दाम। दोनों हाथ उलीचिए यही सयानों काम।।

असंतुलित वैभव के विपत्ति बनते देर नहीं लगती है।

जीवन सुंदर हो इसके लिए जीवन में असंतुलन जरूरी है। पहचान सकते हैं तो, असंतुलन के कारकों को पहचानिये और जीवन के सौंदर्य को बनाये रखने के लिए दोनों हाथ से न सही, कम-से-कम एक हाथ से उलीचते रहिए। क्या!             

13 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

विचारणीय लेख।
असंतुलन तो धरती पर जीवन की धुरी है।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ सितंबर २०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर

विमल कुमार शुक्ल 'विमल' ने कहा…

सुन्दर लेख

हरीश कुमार ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति

रेणु ने कहा…

आंतरिक सौन्दर्य में जीवन का असली सौन्दर्य निहित है ! एक जानकारी युक्त सार्थक लेख 1🙏

प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
सादर

प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
सादर

प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
सादर

प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan ने कहा…

बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
सादर

प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan ने कहा…

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार
सादर

प्रफुल्ल कोलख्यान ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद और आभार

प्रफुल्ल कोलख्यान ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद और आभार

Onkar Singh 'Vivek' ने कहा…

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति