कुछ
हो रहा है, क्या त्रस्त हूँ मणि-दंश से
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ठीक-ठीक
कहना मुश्किल है कि क्या हो रहा है
क्या
आपके इलाके में भी ऐसा हो रहा है
मेरा
मतलब कि जिस इलाके में आप हैं इस वक्त
वहाँ
भी ऐसा कुछ हो रहा है?
कहीं
से हिम-खंडों के दरकने की आवाज
क्या
आप के मन में भी किसी भू-स्खलन सा हो रहा है!
पानी
समेटे हुए बादल हैं या आग के होने की गवाह धुआँ!
भोले-भाले
अच्छे-खासे आदमी के मुँह से अनायास हुआँ-हुआँ!
सारे
मेढक ढूँढ रहे हैं तालाबों के कछेर राह किनारे के कुआँ!
मेरी
तो उम्र हुई, हो सकता मुझ में ही हो उम्र की दहानी
मेरी
आँख में भर जाता है पानी
पानी
या पसीज रही है आँख, या है कोई और ही कहनी
धरती
डग-मग हो रही है या मैं ही जूझ रहा किसी गति-भ्रंश से!
पहली
बार इस उम्र में पहुँचा हूँ इसलिए या त्रस्त हूँ मणि-दंश से!
कुछ
कहा नहीं सकता इसलिए पूछने की हिमाकत है यह आप से!
क्या
आपके इलाके में भी ऐसा हो रहा है
मेरा
मतलब कि जिस इलाके में आप हैं इस वक्त
वहाँ
भी ऐसा कुछ हो रहा है?
ठीक-ठीक
कहना मुश्किल है कि क्या हो रहा है!
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