तेरी बातों में अब ओ दम नहीं
न मानेगा अब भी कि हम नहीं
लाख करे फूलों से बात दम नहीं
मान हकीकत कि वह वहम नहीं
आते जाने के वास्ते रुकने का दम
नहीं, कि कहे कोई वह नहीं हम
गहरा है नहीं, कोई दोस्त मरहम
न कोई बात और न ही वह कसम
तेरी बातों में अब ओ दम नहीं
न मानेगा अब भी कि हम नहीं
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