तुम फूल लेकर मत आना
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मुझे पत्थरों से
बहुत डर लगता है,
वह किसी की मुट्ठी में हो,
आस्था या अक्ल में हो,
मन में हो या फिर वतन में हो।
बहुत डर लगता है,
वह किसी की मुट्ठी में हो,
आस्था या अक्ल में हो,
मन में हो या फिर वतन में हो।
मुझे पत्थरों से
बहुत डर लगता है
और इसलिए लिखता हूँ।
बहुत डर लगता है
और इसलिए लिखता हूँ।
मैं पत्थरों पर तुम्हारा नाम
नहीं लिख सकता
अब इसका चाहे जो मतलब हो
मैं पत्थरों पर तुम्हारा नाम
नहीं लिख सकता
जैसे कि कविता!
नहीं लिख सकता
अब इसका चाहे जो मतलब हो
मैं पत्थरों पर तुम्हारा नाम
नहीं लिख सकता
जैसे कि कविता!
मुझे पत्थरों से
बहुत डर लगता है
पत्थर की लकीर हो
या हो पत्थर का फकीर।
तुम फूल लेकर मत आना।
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