बड़पन्न साहस हर लेता है! बड़पन्न हर लेता है साहस।

बड़पन्न साहस हर लेता है!
बड़पन्न हर लेता है साहस।
-------------------------
पीपल और बट वृक्ष
कितने बड़े-बड़े होते हैं, न!
दूर से भी दिख जाते हैं।
पूजे भी जाते हैं।
ताप के ताये को पनाह देते हैं।
पर्यावरण देते हैं।
देते हैं, और भी बहुत कुछ।
यह बड़प्पन है।


देते हैं बहुत कुछ
देते नहीं हैं कोई फूल
फूल जिसे तुम जूड़े में लगा सको
फूल जिसे किसी देवता पर चढ़ा सको
फल जिसे खिल-खिला उठे सहज
कोई हबक्का मार कर खा सके कोई

बड़पन्न ऐसा कुछ नहीं देता
बड़पन्न और उसकी तमन्नाओं
में बिला जाता है साहस

ऐसा है बड़पन्न!
बड़पन्न ऐसा कुछ नहीं देता है
बड़पन्न साहस हर लेता है!
बड़पन्न हर लेता है साहस।

कोई टिप्पणी नहीं: