तू जो मुझ से करीब है, तेरी बात पे रोना आया
तू आया, तुझको बस मेरी आँख भिगोना आया
डूबता रहा, बहती गंगा में हाथ धोना न आया
मिहनत में कसर नहीं, फसल बोना ही न आया
मैं ने रिश्तों को जीना सीखा उसे ढोना न आया
खेलना जानता नहीं, न मेरे हाथ खिलौना आया
था तो माथे पर ही, मेरे काम डिठोना न आया
कोशिश की तो बहुत, मुझे तेरा होना न आया
थी कशिश बहुत, खुद को मुझे डुबोना न आया
आया कुछ-कुछ लेकिन मुझे जादू टोना न आया
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