आप की राय सदैव महत्त्वपूर्ण है और लेखक को बनाने में इसकी कारगर भूमिका है।
दुख-दर्द के सताये लोगों का हुजूम फिर पूछता आखिर क्या निदान है ख्वाब के खलिहान में कोहराम है हर बात पर इशारा संविधान है
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