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मैं जिस नदी के किनारे तक पहुँच कर ठिठक गया
वह बहुत लंबी थी, लंबी इतनी कि
धारा की दिशा में चलते जाओ तो भी समुद्र दूर ही रह जाये
धारा की दिशा के विपरीत चलते जाओ तो भी उद्गम नजर न आये
एक मुश्किल यह भी थी कि
जितनी लंबी नदी थी, उससे कहीं लंबी प्यास लिये मैं उसके किनारे पहुँचा था
यह प्यास भी दरअसल एक मछली से मिली थी, जो अब मेरी अपनी थी
न मुझे नदी में तैरना था, न नदी की गहराई नापनी थी
मुझे तो बस अपनी प्यास की लंबाई नापनी थी
यह मेरी समझ में आया और वह भी नदी की मदद से ही कि
नदी कुछ और है और मेरी प्यास कुछ और ही है
नदी और प्यास को नापने का यह तरीका ठीक नहीं
नदी और मैंने मिलकर यह समझ कायम की
प्यास हमारे समय की एक घटना है और नदी हमारे समय की एक संभावना
और यह भी स्थिर किया कि जैसे रह लेती है एक साथ ही
हमारे समय की सबसे बड़ी घटना और हमारे समय की सबसे बड़ी संभावना
बिना कलह के, हमने मिलकर यह समझ भी कायम की, हम भी साथ रह सकते हैं
हम भी साथ रह सकते हैं, क्योंकि अंततः
प्यास हमारे समय की एक घटना है और नदी हमारे समय की एक संभावना
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