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समझ और ना-समझ
जिसने यह समझ लिया कि कुछ समझ नहीं आया उसके पास समझने की असीम संभावनाएं बची रहती है। जो समझे सब कुछ समझ में आ गया उस के पास समझने की संभावना नहीं बचती है। संभावनाओं का बचा रहना ही ज्ञान को अंधत्व की चपेट से बचाता और उसे नवजीवन प्रदान करता है।
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