वैज्ञानिक मूल्यांकन में वस्तुनिष्ठता (objectivity) का जो भी महत्व हो एक मनुष्य और लेखक के रूप में आत्मनिष्ठता(subjectivity) मेरे लिए अधिक स्वीकार्य है।
आत्मनिष्ठता सत्य असत्य की द्विपाशीय बाइनरी से बाहर ग्रे एरिया में कहीं रहती है अर्थात न सच न झूठ और इसलिए सत्यापन के ममेतर मानदंडों पर खुद के कसे जाने की वैधता को मानने से इंकार करती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें