अच्छा बदल रहा
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उदारीकरण, का उदार बदल रहा
अच्छे दिन, का अच्छा बदल रहा
अच्छे-अच्छों का अच्छा बदल रहा
अच्छा तो राजधानी में टहल रहा
अच्छा! हद कि तू भी, मचल रहा
तेरा मन क्यों अब नहीं बहल रहा
अच्छा से क्यों, कलेजा दहल रहा
ले देख, यह सपनों का महल रहा
तो कहो जोर से
है छप्पन इंच का सीना, हाँ-हाँ यही पसीना
अरे मेरा जीना क्या और क्या है मेरा मरना
वाह-वाह उदारीकरण, का उदार बदल गया
हाँ-हाँ अब अच्छे दिन, का अच्छा बदल गया
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