सीखने
में शर्म! हाँ, शर्म तो आती है। सीखने के लिए हम जो जानते हैं उसे सामने
लाना होता है, नहीं जानने को कबूल करना भी जरूरी होता है। बंद मुट्ठी लाख
की, खुल गयी तो खाक की! मुट्ठी बंद रखने में ही भलमनसाहत है! जी, शर्म तो
आती है!!!
- Sushil Chaudhary, Badri Prasad Purohit, Ravi Shankar Pandey और 45 अन्य को यह पसंद है.
- Rashmi Mishra सीखने की प्रक्रिया मेँ न तो शर्म और न आलस्य आड़े आना चाहिये।जब तक जीवन है तब तक सीखने की प्रक्रिया चलती रहती है,सीखने का अंत तो मौत है।फिर शर्म क्योँ ?
- Banshilal Parmar जिन में अहम होता है वे नही सीख सकते वे सोचते कि इसे यह भी याद नही ? सीखना किसी से भी होसकता बस पूर्वाग्रह न हो
- Radheyshyam Singh बेशर्मी मनुष्य का कोई जैविक गुण तो है नही।इसे भी सीखना ही पड़ता होगा।हाँ यहाँ अनुकूलन की तीव्रता थोड़ी ज्यादा होगी।
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