हाँ,
हमारा जनतंत्र सुरक्षित है
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हम
बारिश के इंतजार में
बूँद
गिनने की कला पर चिंतन में थे
कवि
भाषा के अच्छी होने पर सोच में शामिल थे
विचारक
अपनी पक्की राय को लगभगा रहे थे कि
भाषा
अच्छी हो तो मौसम का मिजाज ठीक रहता है
गायक
सितार को कसते हुए सुर की तलाश में थे
उनके
ख्याल में सुर में होने पर ही दिन अच्छे होते हैं, भाषा भी
वे
सुर की तलाश में थे कि अ-सुरों के कोप का यही जवाब है
चित्रकार
रंगों की महिमा के सामने नतमस्तक थे
रंगबाटी,
और दिशा-संकेती रेखाओं को दुरुस्त कर रहे थे कि
आखिर
यह सब होगा किस दिशा से अगर जीवन में रंग ही न हो
यानी
सभी व्यस्त थे और अपने तरीके से तैयार हो रहे थे कि
जब
अच्छापन आये तो ओछापन किबाड़ खोलने में बाधक न हो
सभी
व्यस्त थे अपने तरीके से और तैयार हो रहे थे
उधर,
दो बहनें...
हाँ,
दो बहनें जो अच्छेपन के सपनों में शरीक थीं
ओछेपन
की चपेट में आ गईं
अब
इसे अधिक अच्छे तरीके से कैसे कहा जाये, छीः
हाँ,
यह सुना हमने कहीं शिखर से उतरकर आई आवाज
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कानून अपना काम करेगा
हमने
यकीन किया, आँख-कान मूँदकर
दुनिया
के सबसे बड़े जनतंत्र ने साबित किया
आँख-कान
मुँदा होना जनतंत्र के सुरक्षित होने की गारंटी है
यह
भी कि आँख-कान का मुँदा होना जनतंत्र में सुरक्षित रहने की गारंटी है
और
यकीन-न,
हमें इस गारंटी पर भरोसा है
हाँ,
हमारा जनतंत्र सुरक्षित है
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